ग्राम रोजगार सहायकों ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा सुझाव पत्र, VB-G Ram G योजना को लेकर रखीं 10 अहम मांगें

 ग्राम रोजगार सहायकों ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा सुझाव पत्र, VB-G Ram G योजना को लेकर रखीं 10 अहम मांगें




शेख अफरोज
भोपाल/नई दिल्ली।ग्राम रोजगार सहायक संगठन (मनरेगा) के संयुक्त मोर्चा द्वारा माननीय केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को एक विस्तृत सुझाव पत्र सौंपा गया। यह सुझाव पत्र प्रस्तावित “VB-G Ram G” योजना को लेकर तैयार किया गया है, जिसे संगठन ने पूरे भारत में ग्राम रोजगार सहायकों, पंचायत सहायकों एवं संबंधित सेवकों पर समान रूप से लागू किए जाने की मांग की है।

संगठन ने पत्र में उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश के लगभग 23 हजार ग्राम रोजगार सहायक विगत 15 वर्षों से केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। संगठन ने कहा कि मनरेगा का नाम परिवर्तित कर VB-G Ram G किया जाना ग्राम रोजगार सहायकों के लिए आस्था व गर्व का विषय है, क्योंकि इससे भगवान श्रीराम के आदर्शों से जुड़ाव महसूस होता है।


सुझाव पत्र में 100 दिन के स्थान पर 125 दिन रोजगार गारंटी दिए जाने के निर्णय का स्वागत किया गया है। संगठन का कहना है कि इससे ग्रामीण मजदूरों का पलायन रुकेगा, आय में वृद्धि होगी और गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। वहीं प्रशासनिक मद को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किए जाने पर यह स्पष्ट मांग रखी गई कि बढ़ी हुई 3 प्रतिशत राशि का उपयोग केवल कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में किया जाए, न कि वाहन किराया, स्टेशनरी या अन्य मदों में।

ग्राम रोजगार सहायकों ने वेतन विसंगतियों को भगवान श्रीराम के वनवास से जोड़ते हुए कहा कि जिस प्रकार 14 वर्षों के बाद श्रीराम अयोध्या लौटे, उसी प्रकार अब रोजगार सहायकों को भी वर्षों से चले आ रहे अन्याय से मुक्ति मिलनी चाहिए। संगठन ने समान कार्य-समान वेतन और समान सम्मान को VB-G Ram G योजना में स्पष्ट रूप से शामिल करने की मांग की।


पत्र में ग्राम सभा को सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया गया। संगठन का कहना है कि कार्य स्वीकृति एवं क्रियान्वयन का अधिकार ग्राम सभा के पास ही रहे और जनपद व जिला पंचायत की भूमिका केवल निगरानी एवं मार्गदर्शन तक सीमित हो। इससे विकेंद्रीकरण, पारदर्शिता और स्थानीय सुशासन को बल मिलेगा।

सुझावों में मजदूरी दर स्थानीय बाजार मूल्य और जीवन यापन लागत के अनुसार तय करने, श्रमिकों को 15 दिन के भीतर भुगतान और कर्मचारियों को प्रत्येक माह की 1 तारीख तक वेतन देने की मांग की गई। वर्तमान में कई स्थानों पर श्रमिकों को तीन माह और कर्मचारियों को चार माह से भुगतान न मिलने की समस्या को गंभीर बताया गया।


कृषि कार्यों के साथ VB-G Ram G योजना के कन्वर्जेंस पर भी जोर दिया गया। खेती से जुड़े कार्यों, पशु शेड, मेड बंधान, व्यक्तिगत भूमि पर सड़क-नाली जैसे कार्यों को हितग्राही मूलक श्रेणी में शामिल करने तथा लागत सीमा हटाने की मांग रखी गई। साथ ही जंगली जानवरों से फसल सुरक्षा हेतु तार फेंसिंग जैसे कार्यों को भी योजना में शामिल करने का सुझाव दिया गया।

संगठन ने ग्राम रोजगार सहायक का पदनाम बदलकर “ग्राम पंचायत रोजगार अधिकारी” करने, भुगतान प्रणाली को पूरी तरह ग्राम पंचायत के माध्यम से डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा संचालित करने तथा स्पष्ट HR मैनुअल व कार्य मेट्रिक्स तय करने की मांग की।

अंत में ग्राम रोजगार सहायकों के लिए केंद्रीय कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम वेतन, EPF लाभ और नियमितीकरण की मांग करते हुए कहा गया कि जिन्होंने अपने जीवन के 15 वर्ष शासन को दिए हैं, उनके भविष्य को सुरक्षित करना अब नितांत आवश्यक है।

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