शेख अफरोज हरदा। जिले में संचालित महत्वाकांक्षी योजना “एक बगिया मां के नाम” के प्रभावी क्रियान्वयन को गति देने जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती अंजलि जोसेफ ने शनिवार को ग्रामीण आजीविका मिशन टीम, मैदानी अमले और कृषि सखियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए।
सीईओ ने बैठक में स्पष्ट कहा कि योजना का उद्देश्य केवल लाभ देना नहीं बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए पोषण सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कृषि सखियों को निर्देश दिए कि वे अधिक से अधिक हितग्राहियों से संपर्क कर पात्र परिवारों की पहचान करें और उन्हें योजना से जोड़ें।
श्रीमती जोसेफ ने बैठक में जिला परियोजना प्रबंधक श्री रामनिवास कालेश्वर और जिला प्रबंधक श्री राधेश्याम जाट को विशेष रूप से खिरकिया विकासखंड में कार्यों की गति बढ़ाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हितग्राही के चयन, मार्गदर्शन और बागवानी संबंधी तकनीकी सहायता में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी स्वीकार्य नहीं होगी।
इसी निर्देशों के तहत जिला परियोजना प्रबंधक श्री रामनिवास कालेश्वर ने खिरकिया विकासखंड में कृषि सखियों की बैठक आयोजित की। बैठक में योजना की प्रगति, बाधाओं और आगे की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद उन्होंने मुहाल कला ग्राम का भ्रमण किया और वहां विकसित की जा रही “मां की बगिया” का निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न हितग्राहियों से चर्चा कर उनको पौधरोपण, जैविक खाद उपयोग, सिंचाई एवं समय-समय पर कृषि तकनीकी सहायता के विषय में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
इसके पश्चात जिला प्रबंधक दल ने टिमरनी विकासखंड में भी कृषि सखियों की बैठक आयोजित की, जिसमें आगामी लक्ष्य निर्धारण, क्षेत्रवार प्रगति समीक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। बैठक में तय किया गया कि प्रत्येक कृषि सखी अपने क्षेत्र में निर्धारित लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों का चयन करेगी तथा पौधरोपण, नर्सरी विकास एवं रखरखाव पर नियमित निगरानी रखेगी।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को बागवानी के साथ-साथ सब्जी उत्पादन, औषधीय पौधों और पोषण वाटिका के मॉडल पर कार्य करने हेतु प्रेरित किया जाएगा। इससे लाभार्थी परिवारों को पौष्टिक आहार के साथ अतिरिक्त आय का अवसर भी मिलेगा।
जिला प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि कृषि सखियों की सक्रिय भूमिका, नियमित फील्ड भ्रमण और निरंतर निगरानी से यह योजना जिले की ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और पोषण सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त उदाहरण साबित होगी।
“एक बगिया मां के नाम” योजना को लेकर प्रशासन अब तेजी से कदम बढ़ा रहा है और आने वाले समय में इसके परिणाम गांव-गांव में देखने की अपेक्षा है।
