शेख अफरोज मगरधा।वन परिक्षेत्र मगरधा अंतर्गत भोमका बाबा, बड़झिरी में आज द्वितीय अनुभूति कैंप का आयोजन उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। यह आयोजन मध्य प्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड के सौजन्य से वन विभाग द्वारा किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रकृति, पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील बनाना रहा। इस वर्ष अनुभूति कैंप की थीम “हम हैं धरती के दूत” रखी गई, जिसके अनुरूप विद्यार्थियों को प्रकृति से जोड़ने वाली विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं।
इस अनुभूति कैंप में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिपलिया के 62 विद्यार्थी एवं शासकीय हाई स्कूल महेंद्रगांव के 60 विद्यार्थियों सहित कुल 122 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इनके साथ दोनों विद्यालयों के 6 शिक्षक भी शिविर में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यार्थियों को अनुभूति कैंप की अवधारणा एवं थीम से परिचित कराने के साथ हुई।
कैंप के दौरान विद्यार्थियों को स्थलीय एवं जलीय पक्षी दर्शन कराया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने प्राकृतिक वातावरण में किंगफिशर, नीलकंठ, बगुला, छोटा पनकौवा, ग्रीन बी-ईटर सहित विभिन्न पक्षी प्रजातियों को देखा और उनके व्यवहार, आवास तथा संरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त की। यह अनुभव विद्यार्थियों के लिए अत्यंत रोमांचक एवं ज्ञानवर्धक रहा।
इसके पश्चात आयोजित नेचर ट्रेल में प्रकृति व्याख्या के अंतर्गत विद्यार्थियों को वन्यजीवों, पेड़-पौधों, औषधीय वनस्पतियों एवं जैव विविधता की विस्तृत जानकारी दी गई। वन विभाग के अधिकारियों एवं अनुभूति मास्टर ट्रेनर द्वारा बताया गया कि किस प्रकार वन, जल, जीव-जंतु और मानव जीवन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं तथा इनके संरक्षण से ही पर्यावरण संतुलन बना रह सकता है।
अनुभूति कैंप की प्रत्येक गतिविधि में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विद्यार्थियों ने स्वयं को “धरती के दूत” के रूप में देखते हुए पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण एवं वन्यजीव सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करने की शपथ ली। यह शपथ उनके भीतर प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना को और अधिक मजबूत करती नजर आई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. बी.डी. मुकाती (पशु चिकित्सक, मगरधा), डॉ. सी.एम. धाकड़ (आयुर्वेद चिकित्सक, मगरधा), श्री प्रदीप विश्वकर्मा (मैनेजर, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, मगरधा) एवं उप वन मंडल अधिकारी दक्षिण हरदा श्री राकेश लहरी उपस्थित रहे। अतिथियों ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के विद्यार्थी ही भविष्य के पर्यावरण रक्षक हैं और प्रकृति के संरक्षण में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
विद्यार्थियों के लिए पर्यावरण, वन्यजीव एवं वन संरक्षण विषय पर चित्रकारी, निबंध लेखन एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया और अपने विचारों को रचनात्मक रूप में प्रस्तुत किया। प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मुख्य अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। वहीं, सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
कार्यक्रम का संचालन वन परिक्षेत्र अधिकारी मगरधा श्री मुकेश रघुवंशी द्वारा किया गया। विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों पर जानकारी अनुभूति मास्टर ट्रेनर श्री हरिओम सोलंकी ने दी। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने अनुभूति के थीम सॉन्ग पर नृत्य प्रस्तुति दी, जबकि अनुभूति प्रेरक श्री शर्मा जी ने प्रकृति संरक्षण पर कविता पाठ कर सभी को प्रेरित किया।
अंत में शिविर में सम्मिलित सभी विद्यार्थियों से फीडबैक फॉर्म भरवाए गए तथा सभी को वनों एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण की सामूहिक शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में परिक्षेत्र सहायक बड़झिरी विनोद कुमार इरपाचे, परिक्षेत्र सहायक रातामाटी श्री पूनमचंद्र दमाडे, परिक्षेत्र सहायक बापचा श्री तालिब मेमन, परिक्षेत्र सहायक लाखादेह श्री मंतर सिंह जामोद सहित वन परिक्षेत्र मगरधा का समस्त वन स्टाफ उपस्थित रहा।
अनुभूति कैंप के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रकृति से जोड़ने का यह प्रयास सफल रहा और विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होकर सच्चे अर्थों में “धरती के दूत” बनने का संकल्प लिया।


