नगर परिषद सिराली मे भ्रष्टाचार और मनमानी के गंभीर आरोप, फुटकर व्यापारी संघ ने एसपी से की उच्चस्तरीय जांच व एफआईआर की मांग
शेख अफरोज/सिराली (जिला हरदा)। नगर परिषद सिराली की कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर बड़े और गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिला हरदा फुटकर व्यापारी संघ, सिराली द्वारा पुलिस अधीक्षक हरदा को एक विस्तृत और गंभीर शिकायती आवेदन सौंपा गया है, जिसमें नगर परिषद के अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) एवं कर्मचारियों पर तानाशाही रवैया अपनाने, फुटकर ठेला व्यापारियों से दुर्व्यवहार करने और शासन की विभिन्न योजनाओं व विकास कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। संघ ने सभी मामलों की निष्पक्ष, उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
फुटकर व्यापारी संघ के सचिव आशीष पंवार ने बताया कि नगर परिषद सिराली में लंबे समय से आम जनता और विशेषकर फुटकर ठेला लगाने वाले गरीब सब्जी व्यापारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी नियमों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से कार्रवाई कर रहे हैं। ठेला व्यापारियों को छोटी-छोटी बातों पर प्रताड़ित किया जाता है, उनकी सब्जियां जबरन उठाकर फेंक दी जाती हैं, ठेले हटाने का दबाव बनाया जाता है और मनमाफिक रसीदें काटकर फर्जी कार्यवाहियां की जाती हैं। इससे न केवल व्यापारियों की रोजी-रोटी छीनी जा रही है, बल्कि उनके परिवारों के सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
संघ के अनुसार इस प्रकार की कार्रवाइयों से नगर में भय का वातावरण बन गया है। आम नागरिक भी नगर परिषद की कार्यशैली से परेशान हैं, लेकिन डर के कारण खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं। फुटकर व्यापारी संघ ने आरोप लगाया है कि नगर परिषद द्वारा विकास के नाम पर शासन से प्राप्त करोड़ों रुपये की राशि में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी निष्पक्ष जांच अब अत्यंत आवश्यक हो गई है।
शिकायती आवेदन में नगर परिषद सिराली के कई विकास कार्यों और योजनाओं को जांच के दायरे में लाने की मांग की गई है। इनमें जल जीवन मिशन के अंतर्गत कराए गए कार्यों की गुणवत्ता और खर्च, साई निकेतन स्कूल के पास बनने वाली सीसी रोड के निर्माण कार्य, उसकी गुणवत्ता और भुगतान, तथा नव निर्माणाधीन बस स्टैंड के निर्माण और उस पर किए गए खर्च की विस्तृत जांच शामिल है।
इसके अलावा हरे-भरे पीपल के वृक्षों की अवैध कटाई, आम के वृक्ष की बेची गई लकड़ी और उससे प्राप्त राशि, नए बस स्टैंड पर तोड़ी गई यात्री प्रतीक्षा शेड, तथा गौशाला में शासन से प्राप्त राशि और किए गए व्यय से संबंधित सभी बिलों और वाउचरों की जांच की मांग भी की गई है। संघ का आरोप है कि इन सभी मामलों में नियमों की अनदेखी कर मनमानी तरीके से कार्य किए गए और सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
फुटकर व्यापारी संघ ने नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति और उन्हें किए जा रहे भुगतानों पर भी सवाल खड़े किए हैं। आवेदन में मांग की गई है कि नगर परिषद में रखे गए कर्मचारियों की सूची, उनके कार्य और उन्हें किए जा रहे भुगतान की जांच की जाए। साथ ही ग्राम पंचायत से नगर परिषद में जिन कर्मचारियों का संविलियन किया गया है, उसकी वैधानिकता की भी जांच होनी चाहिए।
संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ कर्मचारियों और व्यक्तियों को बिना कोई काम किए हर महीने नगर परिषद से भुगतान किया जा रहा है। विशेष रूप से विष्णु प्रसाद गौर, ताज मोहम्मद और बबलू कुशवाहा के नाम का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इनको बिना कार्य किए भुगतान हुआ है, जो गंभीर वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार का संकेत है।
शिकायत में फुटकर व्यापारियों के साथ की गई कथित ज्यादतियों का भी विस्तार से उल्लेख किया गया है। संघ का कहना है कि पूर्व में पुराने बस स्टैंड पर और वर्तमान में कुशवाहा के ठेले से जबरन सब्जियां फेंकी गईं, जिससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हुआ। संघ ने मांग की है कि पीड़ित व्यापारियों को उचित मुआवजा और एक दिन की मजदूरी दिलाई जाए तथा हरिओम, श्री पासी, ललित और हरिओम गौर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए।
इसके अतिरिक्त चल रहे श्मशान घाट के निर्माण कार्य की गुणवत्ता और व्यय की जांच, पार्षदों द्वारा अध्यक्ष के विरुद्ध दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शीघ्र कार्रवाई और यह जांच कि किन परिस्थितियों में अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, जैसी मांगें भी आवेदन में शामिल हैं।
नगर परिषद सिराली के स्टॉक रजिस्टर और सामग्री खरीदी की जांच कर यह स्पष्ट करने की मांग की गई है कि सामग्री किस नियम और वैधानिक प्रावधान के अंतर्गत खरीदी गई। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वितरित आवासों की जांच कर यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि पात्र लोगों को छोड़कर अपात्र व्यक्तियों को किस आधार पर लाभ दिया गया और पात्रों को क्यों वंचित किया गया।
मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी पट्टा वितरण योजना, नगर परिषद द्वारा पूर्व में बेची गई दुकानों, वर्तमान में दुकानदारों से किराया वसूली के नियम, वैध और अवैध कॉलोनियों को दी गई अनुमति तथा नए बस स्टैंड पर ठेकेदार द्वारा तोड़े गए प्रतीक्षालय के लोहे के सरिया की कथित अवैध बिक्री जैसे मामलों की भी विस्तृत जांच की मांग की गई है।
फुटकर व्यापारी संघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 7 दिवस के भीतर इन गंभीर मामलों पर ठोस और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई, तो संघ और आम जनता आंदोलन के लिए मजबूर होगी। इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन की होगी।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद नगर परिषद सिराली और जिला प्रशासन में हलचल मच गई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस अधीक्षक और संबंधित जांच एजेंसियां इन गंभीर आरोपों पर क्या कदम उठाती हैं। आम जनता और फुटकर व्यापारी संघ को उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होगी और नगर परिषद में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार और मनमानी पर अंकुश लगेगा।



