रीवा मप्र: अभी हाल ही में मऊगंज जिले के नईगढ़ी जनपद अंतर्गत आने वाली जिलहंडी ग्राम पंचायत में हुए व्यापक स्तर के भ्रष्टाचार जिसमें तीन बार 68 लाख रुपए की वसूली बनाई गई और फिर उसे 56000 कर दिया गया इसकी याचिका हाईकोर्ट जबलपुर में डाली गई थी जिस पर कलेक्टर मऊगंज को जांच और कार्यवाही के लिए आदेशित किया गया था। इसके उपरांत कलेक्टर मऊगंज ने 68 लाख की वसूली निर्धारित की और 6 अधिकारियों कर्मचारियों को दोषी बताया। मामले में दोषी पाए गए सहायक यंत्री जगदीश राजपूत और उपयंत्री प्रवीण पांडे के द्वारा जांच अधिकारी कार्यपालन यंत्री एसबी रावत के साथ मिलकर कलेक्टर मऊगंज के साथ ₹5 लाख दे देते तो यह नौबत नहीं आती और अन्य इसी प्रकार के ऑडियो वायरल किए गए जिसमें पूरे प्रशासनिक सिस्टम को हिला कर रख दिया और लेनदेन साठ गांठ ब्राइवरी कर मामले को दबाने जैसी स्थिति निर्मित होती पाई गई। इसका ऑडियो वायरल हुआ जिसके बाद मऊगंज कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री और उपयंत्री प्रवीण पांडेय को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया। जवाब समाधान कारक न होने से संविदा उपयंत्री की सेवा समाप्त की गई और कार्यपालन यंत्री एसबी रावत को निलंबित किया गया। कारण बताओ सूचना पत्र में कार्यपालन यंत्री एसबी रावत का जवाब सामने आया है जिसने अपने आप में और कई सवाल खड़े कर दिए हैं जिसमें स्वयं ईई एसबी रावत अपनी गलती तो मान ही रहे हैं साथ में कुछ नए भी खुलासे कर रहे हैं जिसमें उनके द्वारा कहा जा रहा है कि उपयंत्री प्रवीण पांडे और सहायक यंत्री जगदीश राजपूत के द्वारा दो लोगों के साथ मिलकर उनके कार्यालय में मारपीट गाली गलौज अभद्रता जैसी स्थिति निर्मित की गई जिसके दबाव में जाकर उनके द्वारा ऐसा ऑडियो वायरल कराया गया लेकिन यह सब कहने की बातें हैं और गंभीर जांच का भी विषय है। क्योंकि यदि ऐसी स्थिति निर्मित हुई तो ईई रावत ने FIR क्यों नहीं करवाई और साथ में उनके कक्ष में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं जिसकी जांच क्यों नहीं हुई? परंतु एक बात तो तय है की ईई एसबी रावत ने स्वयं भी इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उन्हें उनके द्वारा जो ऑडियो वायरल किया गया है उसमें और भी कई अन्य बातें संबंधितों के द्वारा की गई थी जो की मऊगंज कलेक्टर के विषय में ही की गई थी। यह बात अब स्पष्ट हो जाती है। अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है!!!
व्यापक स्तर के भ्रष्टाचार जिसमें तीन बार 68 लाख रुपए की वसूली बनाई गई और फिर उसे 56000 कर दिया गया इसकी याचिका हाईकोर्ट जबलपुर में डाली गई
• Harda Halchal
