स्व-सहायता समूह और बैंक बीसी के बीच विवाद, सिराली थाने तक पहुंचा मामला
शेख अफरोज/हरदा जिले की सिराली तहसील के ग्राम भगवानपुरा में सीता स्व-सहायता समूह और ग्राम संगठन अध्यक्ष एवं बैंक बी.सी. दुर्गा तमखाने के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मामला किस्तों की रकम और फर्जी रसीदों से जुड़ा हुआ है। अब दोनों पक्ष अपनी-अपनी शिकायतें लेकर थाना सिराली पहुंचे हैं, जिससे गांव में चर्चाओं का माहौल गर्म है।
महिलाओं का आरोप: 14 फर्जी रसीदें पकड़ी गईं
सीता स्व-सहायता समूह की 12 महिलाओं ने बताया कि उन्होंने जुलाई 2024 में मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक, शाखा सिराली से 6 लाख रुपये का लोन लिया था। इसमें प्रत्येक महिला को 50-50 हजार रुपये की राशि दी गई थी। महिलाओं का कहना है कि लोन चुकाने के लिए वे समय-समय पर किस्तें ग्राम संगठन अध्यक्ष एवं बैंक बीसी दुर्गा तमखाने को जमा करती थीं।
महिलाओं के अनुसार, दुर्गा तमखाने द्वारा उन्हें रसीद दी जाती थी, लेकिन जब उन्होंने बैंक स्टेटमेंट और दी गई रसीदों का मिलान किया तो 14 रसीदें फर्जी पाई गईं। इनमें न तो तारीख सही थी और न ही राशि।
महिलाओं ने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया कि उनके समूह की कुछ महिलाओं—बसकर बाई पति अमरसिंह, नर्मदी बाई पति दयाराम, बसूबाई पति बद्रीप्रसाद और सुशीला बाई पति मयाराम—की दी गई रकम का हिसाब रसीदों में गड़बड़ पाया गया है। महिलाओं ने पुलिस से मामले की जांच करने और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है।
दुर्गा तमखाने का पलटवार: झूठे आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है
दूसरी ओर, दुर्गा तमखाने ने भी थाना सिराली में लिखित आवेदन देकर अपनी सफाई पेश की है। उनका कहना है कि वे पिछले 8 वर्षों से ईमानदारी और निष्ठा के साथ बैंक बीसी और ग्राम संगठन अध्यक्ष का कार्य कर रही हैं।
दुर्गा का कहना है कि वे महिलाओं की राशि बैंक में जमा करती थीं और जमा रसीद तुरंत महिलाओं को सौंप देती थीं। लेकिन गांव के कुछ लोग, विशेषकर अमरनाथ कनारे और मनोहर कोगे, महिलाओं को भड़का कर उनके खिलाफ झूठी शिकायत करवा रहे हैं। दुर्गा का आरोप है कि उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके।
उन्होंने पुलिस से मांग की है कि पूरे समूह की महिलाओं को बुलाकर निष्पक्ष जांच की जाए और उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई हो।
गांव में बना असमंजस का माहौल
इस पूरे मामले ने गांव में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। एक ओर महिलाएं आरोप लगा रही हैं कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है और उनकी मेहनत की कमाई गलत तरीके से हड़प ली गई। वहीं दूसरी ओर दुर्गा तमखाने खुद को निर्दोष बताते हुए अपनी ईमानदारी का हवाला दे रही हैं।
गांव में अब यह चर्चा आम है कि "सच कौन और झूठ कौन?"। ग्रामीणों का मानना है कि यदि इस प्रकार के विवादों का समय रहते निपटारा नहीं हुआ तो स्व-सहायता समूहों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग सकता है।
अब पुलिस जांच पर टिकी निगाहें
दोनों पक्षों की शिकायतें थाना सिराली में दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस अब दोनों पक्षों के आरोपों और बैंक रिकॉर्ड का मिलान कर मामले की जांच करेगी। ग्रामीणों और समूह की महिलाओं को उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष होगी और सच्चाई सामने आने पर दोषी को कड़ी सजा मिलेगी।