हरदा जिले में पात्रता पर्ची निरस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई, खिरकिया विकासखंड में 300 से अधिक नोटिस जारी
हरदा जिले में पात्रता पर्ची निरस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई, खिरकिया विकासखंड में 300 से अधिक नोटिस जारी

शेख अफरोज हरदा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) धारकों की पात्रता की समीक्षा करते हुए हरदा जिले के खिरकिया विकासखंड में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खिरकिया के कार्यालय से पात्रता परीक्षण के लिए लगभग 300 से अधिक लाभार्थियों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन नोटिसों को अलग-अलग राशन दुकानों के माध्यम से संबंधित हितग्राहियों तक पहुँचाया जा रहा है।

इसी क्रम में ग्राम विक्रमपुर कला निवासी श्री ओमप्रकाश कतिया को भी नोटिस दिया गया है। समग्र परिवार आईडी 33223479 और सदस्य आईडी 154616487 के अंतर्गत पंजीकृत कतिया ने अनुसूचित जाति श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) सहित अन्य योजनाओं के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का लाभ प्राप्त किया है।

लेकिन उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री कतिया एक पंजीकृत कंपनी में निदेशक पद पर कार्यरत पाए गए हैं। नियमानुसार, किसी पंजीकृत कंपनी के निदेशक अथवा उच्च आय वर्ग के व्यक्ति को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत गरीब श्रेणी में सम्मिलित नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि उनके विरुद्ध पात्रता पर्ची निरस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ की गई है।

नोटिस में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यदि लाभार्थी इस संबंध में कोई आपत्ति या स्पष्टीकरण देना चाहता है तो उसे 15 दिवस के भीतर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खिरकिया के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। निर्धारित समयावधि में आपत्ति दर्ज नहीं होने की स्थिति में पात्रता पर्ची निरस्त कर दी जाएगी।

यह मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। खिरकिया विकासखंड में ही 300 से अधिक ऐसे परिवारों की पात्रता की जाँच की जा रही है, जिन्हें अब विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस थमाए गए हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, कई ऐसे लाभार्थी सामने आए हैं जो सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की पात्रता नहीं रखते फिर भी लंबे समय से निःशुल्क या रियायती दर पर राशन प्राप्त कर रहे हैं।

शासन का कहना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्य गरीब, निर्धन एवं जरूरतमंद परिवारों तक अनाज पहुँचाना है। यदि अपात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाते हैं तो वास्तव में गरीबों का हक छिनता है। इसीलिए शासन समय-समय पर समीक्षा कर अपात्र लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करता है।

ग्रामीण अंचलों में इन नोटिसों की चर्चा तेज है। लोगों का मानना है कि यदि वास्तव में उच्च आय वर्ग या कंपनी से जुड़े लोग गरीब श्रेणी में शामिल होकर राशन ले रहे हैं, तो यह व्यवस्था के साथ छलावा है। वहीं कुछ लोग इसे प्रशासन का सही कदम मान रहे हैं, जिससे वास्तविक जरूरतमंदों तक सरकारी अनाज पहुँच सकेगा।

अब देखना यह होगा कि नोटिस प्राप्त करने वाले लोग निर्धारित समयावधि में अपनी आपत्तियाँ दर्ज कराते हैं या नहीं। प्रशासन का रुख सख्त है और स्पष्ट संकेत दिए गए हैं कि नियम विरुद्ध लाभ उठाने वालों की पात्रता पर्ची रद्द करने के साथ-साथ प्राप्त लाभ की वसूली भी संभव है।
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