सिराली में अवैध कॉलोनियों की भरमार: भूखंड खरीदने वालों की मुसीबतें बढ़ीं, नगर परिषद ने कहा – नहीं मिलेगा पीएम आवास

सिराली में अवैध कॉलोनियों की भरमार: भूखंड खरीदने वालों की मुसीबतें बढ़ीं, नगर परिषद ने कहा – नहीं मिलेगा पीएम आवास....

किसी स्थानीय व्यक्ति,अवैध गतिविधियों में शामिल,गुंडे  मिवालियो को मोहरा बनाकर उसे कॉलोनी का एजेंट बना देते हैं। यही व्यक्ति जरूरतमंदों को प्लॉट दिखाता है और बाद में उन्हें बिना किसी कानूनी दस्तावेज के प्लॉट बेच देता है।...

कॉलोनियां ही वैध रूप से सूचीबद्ध हैं, जबकि बाकी सभी कॉलोनियां अवैध ...


स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सारा कारोबार नगर परिषद, तहसील और राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से ही फल-फूल रहा है।
इनका कहना है कि –

“जब एक गरीब आदमी सड़क पर ठेला लगाता है तो प्रशासन तुरंत उसकी दुकान हटाने आ जाता है, लेकिन जो लोग करोड़ों की अवैध प्लॉटिंग कर बेच रहे हैं, वे अधिकारियों को कभी नजर क्यों नहीं आते?”

क्रिय कॉलोनाइज़र गिरोह और उनसे जुड़े अफसरों की जांच हो, ताकि मासूम जनता को गुमराह करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सके.....

संवाददाता – शेख अफरोज, सिराली (हरदा)

हरदा जिले के सिराली कस्बे में अवैध कॉलोनियों का जाल दिन-प्रतिदिन फैलता जा रहा है, और इसका खामियाजा उन मासूम लोगों को भुगतना पड़ रहा है जो अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई से एक छोटा सा आशियाना खरीदने का सपना लेकर यहां पहुंचते हैं।
ताजा मामला सिराली की अवैध कॉलोनी यो का है, जहां लोग कई साल पहले प्लॉट लेकर घर बना चुके हैं, लेकिन अब उन्हें प्रशासन की तरफ से यह जवाब मिल रहा है कि “यह कॉलोनी वैध नहीं है, इसलिए आपको प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का लाभ नहीं मिलेगा।”

यह मामला अकेले विद्या विहार तक सीमित नहीं है, बल्कि नगर में केवल दो कॉलोनियां ही वैध रूप से सूचीबद्ध हैं, जबकि बाकी सभी कॉलोनियां अवैध रूप से बसी हुई हैं।
बावजूद इसके, इन कॉलोनियों में खुलेआम प्लॉट की खरीद-फरोख्त जारी है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अवैध कॉलोनाइज़र अब खुद सामने नहीं आते, बल्कि किसी स्थानीय व्यक्ति,अवैध गतिविधियों में शामिल,गुंडे  मिवालियो को मोहरा बनाकर उसे कॉलोनी का एजेंट बना देते हैं। यही व्यक्ति जरूरतमंदों को प्लॉट दिखाता है और बाद में उन्हें बिना किसी कानूनी दस्तावेज के प्लॉट बेच देता है।

माइक और गाड़ियों से खुलेआम प्रचार

अब तो हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि ये लोग माइक लगे वाहनों के जरिए कॉलोनी के नाम का प्रचार करते हुए पूरे नगर में घूमते हैं। “प्लॉट लो, सपना साकार करो” जैसी आवाजें पूरे दिन गूंजती रहती हैं। लेकिन इन सपनों की हकीकत तब सामने आती है, जब नगर परिषद दस्तावेज जांच में कहती है कि यह क्षेत्र तो अवैध है – यहां तो आपको कोई सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सकता।

 जिम्मेदारों की भूमिका संदिग्ध

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सारा कारोबार नगर परिषद, तहसील और राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से ही फल-फूल रहा है।
इनका कहना है कि –

“जब एक गरीब आदमी सड़क पर ठेला लगाता है तो प्रशासन तुरंत उसकी दुकान हटाने आ जाता है, लेकिन जो लोग करोड़ों की अवैध प्लॉटिंग कर बेच रहे हैं, वे अधिकारियों को कभी नजर क्यों नहीं आते?”

 नक्शा स्वीकृत नहीं, न ही कोई विकास कार्य

अवैध कॉलोनियों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि वहां न तो नालियां हैं, न सड़कें, न बिजली का इंतजाम और न ही पानी की सप्लाई। फिर भी भोले-भाले ग्रामीण या कस्बाई परिवार, ज़मीन के नाम पर लुट जाते हैं।
बाद में जब वे पीएम आवास या अन्य योजनाओं के तहत आवेदन करते हैं, तो नगर परिषद उन्हें साफ कह देती है कि "यह कॉलोनी वैध नहीं है, आप पात्र नहीं हैं।" प्रशासन का दोहरा मापदंड

यह बात अब जगजाहिर होती जा रही है कि प्रशासनिक अमला गरीब व कमजोर तबके पर जल्दी कार्रवाई करता है, लेकिन जिन कॉलोनाइज़रों ने सिराली में दर्जनों अवैध कॉलोनियां बसा दी हैं, उनके खिलाफ न तो कोई एफआईआर होती है, न नोटिस, न कार्रवाई।

जनता की मांग – हो उच्च स्तरीय जांच

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि अवैध कॉलोनियों के पीछे सक्रिय कॉलोनाइज़र गिरोह और उनसे जुड़े अफसरों की जांच हो, ताकि मासूम जनता को गुमराह करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो सिराली जैसे कस्बों में अवैध प्लॉटिंग का यह खेल और तेज़ होगा, और सैकड़ों परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित होकर बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते रहेंगे।


*अवैध कालोनाइजर को कारण बताओ नोटिस*

हरदा 7 अगस्त 2025/ कलेक्टर श्री सिद्धार्थ जैन ने जिले के नगर सिराली में विद्या विहार कॉलोनी के नाम से विकसित अवैध कॉलोनी में बिना सक्षम अनुमति के भूखण्ड विक्रय किये जाने, कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराये जाने, पेयजल एवं स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं होने, आंतरिक विकास कार्य एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं पाये जाने, कॉलोनी में खाली पड़े प्लाटों में पानी जमा होने एवं उससे बीमारी का खतरा होने की स्थिति पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से कॉलोनी में विकास कार्य को रोककर कालोनाइजर श्री रामकृष्ण एवं श्री आनन्दराम पिता रामनारायण गुर्जर को समक्ष में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का नोटिस दिया है। अनुपस्थिति की दशा में संबंधित के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।