हरदा सिराली।जिले में बगैर अनुमति कॉलोनियां काटकर भोली-भाली जनता को प्लॉट बेचने वाले कॉलोनाइजर्स पर अब जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सिराली की विद्या विहार कॉलोनी प्रकरण के बाद कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने हरदा के चार कॉलोनाइजर्स को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर बड़ी कार्रवाई की है। इस कदम से जिलेभर में अवैध कॉलोनियों के कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। लेकिन इसी बीच सवाल यह भी उठने लगे हैं कि जब सिराली और अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में अवैध कॉलोनियां काटी गई हैं तो बाकी कॉलोनाइजर्स पर कब कार्रवाई होगी।
चार कॉलोनाइजर्स पर नोटिस
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हरदा और जिला पंजीयक हरदा की संयुक्त प्रतिवेदन रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर जैन ने चार कॉलोनाइजर्स को नोटिस जारी किया है। इनमें शामिल हैं –
- सफदर खान आत्मज मुजफ्फर खान, निवासी वार्ड क्रमांक 28 हरदा।
- श्रीमती कृष्णाबाई पति जगन्नाथ प्रजापति, निवासी कहारबाड़ी खेड़ीपुरा हरदा।
- इशाक खान आत्मज मोहम्मद हनीफ खान व सउद खान पिता स्व. मेहमूद खान, निवासी फाइल वार्ड हरदा।
- रामकृष्ण आत्मज शंकरलाल मोरछले, निवासी ग्राम उड़ा, तहसील हरदा।
इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने बिना सक्षम अनुमति के भूमि के छोटे-छोटे टुकड़े कर बेचे और अवैध कॉलोनी का निर्माण किया। कलेक्टर ने आदेश जारी कर इनके सभी विकास कार्य तत्काल प्रभाव से रोक दिए हैं और 1 सितंबर को स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
जिलेभर की कॉलोनियों की होगी जांच
कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने कहा है कि हरदा जिले में अब तक विकसित हुई हर कॉलोनी की जांच की जाएगी। इसमें यह परखा जाएगा कि संबंधित कॉलोनाइजरों ने डायवर्सन शुल्क, बिल्डिंग परमिशन और मूलभूत सुविधाओं की वैधानिक पूर्ति की थी या नहीं। उन्होंने साफ कहा कि अवैध कॉलोनियों का निर्माण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह आम जनता के साथ सीधी धोखाधड़ी भी है।
भोली-भाली जनता को गुमराह करने का खेल
कॉलोनाइजर और उनके दलाल भोले-भाले लोगों को बेहतर सुविधाओं और उज्जवल भविष्य का सपना दिखाकर प्लॉट बेच देते हैं। लेकिन जब खरीदार जमीन पर घर बनाने जाते हैं, तब उन्हें न सड़क मिलती है, न पानी और न ही बिजली की सुविधा। इस कारण खरीदार अपनी मेहनत की कमाई लगाकर भी मुश्किलों में फंस जाते हैं। कई बार तो वैधानिक दस्तावेज अधूरे होने के कारण बैंक से लोन तक नहीं मिल पाता और खरीदार कानूनी झंझटों में उलझ जाते हैं।
सिराली में अवैध कॉलोनियों की भरमार
सिराली में स्थिति और भी गंभीर है। यहां लगभग 20 से 22 खोसरों पर करीब 12 से 15 अवैध कॉलोनियां विकसित कर डाली गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन कॉलोनियों में प्लॉट खुलेआम बेचे गए हैं, लेकिन अब तक अधिकांश कॉलोनाइजर्स के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोग पूछ रहे हैं कि क्या प्रशासन केवल चुनिंदा कॉलोनाइजर्स पर ही कार्रवाई करेगा या फिर पूरे जिले में एक समान कानून लागू होगा।
जनता की मांग – “समान कार्रवाई हो”
स्थानीय नागरिकों और खरीदारों का कहना है कि कार्रवाई केवल चार कॉलोनाइजर्स तक सीमित रखना पर्याप्त नहीं है। जब तक जिलेभर में अवैध कॉलोनियां काटने वाले सभी लोगों पर समान सख्ती नहीं होगी, तब तक इस धंधे पर अंकुश लगाना मुश्किल है। जनता की मांग है कि ऐसे कॉलोनाइजर्स और उनके दलालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की मेहनत की कमाई दांव पर लगाई है।
प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
हरदा जिले में अवैध कॉलोनी कारोबार ने नगरीय विकास की तस्वीर बिगाड़ दी है। सड़क, नाली, जल निकासी और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कई बस्तियां बदहाल हालत में हैं। अब जब कलेक्टर ने कार्रवाई शुरू की है तो जनता को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पूरे जिले में अवैध कॉलोनाइजर्स पर गाज गिरेगी।कुल मिलाकर, चार कॉलोनाइजर्स पर नोटिस जारी करना प्रशासन की गंभीरता को दिखाता है, लेकिन असली कसौटी तब होगी जब सभी अवैध कॉलोनाइजर्स के खिलाफ एक समान कार्रवाई होगी। तभी जनता को न्याय मिलेगा और हरदा जिले में अवैध कॉलोनियों का खेल सचमुच खत्म होगा।