शेख़ अफरोज सिराली। नगर परिषद सिराली द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, किंतु धरातल पर स्थिति बिल्कुल विपरीत दिखाई दे रही है। वार्ड क्रमांक 11 के बाशिंदे इन दिनों नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। क्षेत्र की सड़कों पर गंदा पानी फैला हुआ है जिससे न केवल लोगों का आवागमन प्रभावित हो रहा है बल्कि बीमारियों का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
पार्षद बोले खोखले हैं दावे
वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद राहुल शाह ने बताया कि समस्या को लेकर उन्होंने कई बार नगर परिषद में आवेदन, निवेदन और शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने साफ कहा कि वह खुद इस समस्या के समाधान के लिए मजबूर हैं क्योंकि नगर परिषद कतई ध्यान नहीं दे रही है। इस स्थिति से यहां के रहवासी बेहद परेशान हैं। जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।
रहवासी बोले मच्छरों के प्रकोप के बीच जीवन जी रहे हैं
रहवासियों का कहना है कि बीते तीन वर्षों में वार्ड में न तो कोई नाली निर्माण हुआ और न ही पानी निकासी की कोई स्थायी व्यवस्था बनाई गई। हर बारिश में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। बच्चे और बुजुर्ग गंदगी के बीच से निकलने को मजबूर हैं। नागरिकों का आरोप है कि नगर परिषद केवल दिखावे के कार्य करती है, जबकि वास्तविक जरूरतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
नप अध्यक्ष ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गिनाए 80 करोड़ के विकास कार्य
गौरतलब है कि बीते 15 अगस्त को नगर परिषद अध्यक्ष अनीता अग्रवाल ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में 80 करोड़ के विकास कार्यों की सूची गिनाई थी और परिषद की उपलब्धियों का बखान किया था। लेकिन वार्ड क्रमांक 11 सहित अधिकांश वार्डों की बदहाल स्थिति इन दावों की पोल खोल रही है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि विकास कार्य केवल कागजों और भाषणों तक सीमित हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
समाधान नहीं हुआ तो होगा आंदोलन
राहुल शाह ने कहा कि यदि नगर परिषद जल्द ही समाधान नहीं करती तो वह रहवासियों के साथ मिलकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जनता के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, रहवासियों ने भी नगर परिषद और अध्यक्ष पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि जब तक गली-मोहल्लों की गंदगी और पानी निकासी की समस्या हल नहीं होती, तब तक किसी भी विकास कार्य का कोई महत्व नहीं है।
जनता का कहना है कि नगर परिषद को चाहिए कि वह जमीनी स्तर पर काम करे और उन वार्डों की सुध ले जहां लोग नारकीय स्थिति में जी रहे हैं। केवल मंचों से योजनाओं और करोड़ों की राशि गिनवाने से विकास नहीं होता, बल्कि विकास का असली पैमाना जनता की जिंदगी में सुधार है।