तीन हौदियों का खेल,सरपंच और मेट ने 2 हौदिया खुद के घरो के सामने बनावा ली,300 परिवार वाले अपनी मवेशियों को पानी पिलाने के लिए गांव में बनी 1 हौदी पर आश्रित।
तीन हौदियों का खेल,सरपंच और मेट ने 2 हौदिया खुद के घरो के सामने बनावा ली,300 परिवार वाले,अपनी मवेशियों को पानी पिलाने के लिए 1 हौदी पर आश्रित।

शेख अफरोज खिरकिया (हरदा), 19 जुलाई। ग्राम पंचायत सावरी के अंतर्गत दिए आने वाले ग्राम कालाकऊ में एक बार फिर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार सामने आया है। गांव में 53-53 हजार रुपये की लागत से तीन हौदियाँ बनना स्वीकृत हुईं थीं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इनमें से प्रत्येक हौदी को महज लगभग 30 हजार रुपये में बनाकर कागजों में पूरा खर्च दर्शा दिया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन तीन हौदियों में से दो हौदियाँ ग्राम की सामान्य जनता की बजाय सीधे सरपंच और मेट के घर के सामने बनवाई गई हैं, जबकि पूरे गांव के लगभग 300 परिवारों के लिए केवल एक हौदी बनाई गई है, वो भी गांव के एक कोने में, जिससे अधिकांश ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा।

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सावरी की सरपंच सुंदरबाई पति रामगोविंद उर्फ गोलू हैं, और गांव में बनाई गई एक हौदी उनके घर के सामने ही निर्मित की गई है। वहीं दूसरी हौदी पंचायत मेट संतोष के घर के सामने बनाई गई। इस तरह से ग्रामीणों का आरोप है कि इन दोनों लोगों ने अपने निजी लाभ के लिए पंचायत की योजनाओं को अपने घर तक सीमित कर दिया, जबकि इनका उद्देश्य गांव के प्रत्येक हिस्से तक जल सुविधा पहुँचाना था।

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत द्वारा इन हौदियों की लागत 53 हजार रुपये दर्शाई गई है, लेकिन निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया और पूरी हौदी महज 30 से 32 हजार रुपये में तैयार कर दी गई। कहीं-कहीं तो दीवारों में सीमेंट की मात्रा भी कम रखी गई है, जिससे उनमें रिसाव की स्थिति बन चुकी है। हौदी के निर्माण में न तो मापदंडों का पालन हुआ और न ही किसी तकनीकी अधिकारी की निगरानी। पूरा काम दिखावटी और खानापूर्ति कर पंचायत द्वारा भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि लगभग 300 परिवारों की आबादी वाले इस गांव में केवल एक सामुदायिक हौदी बनाई गई है, जिससे गांव के अन्य मोहल्लों और दूर बसे हिस्सों के लोगों को पानी संग्रहण या पशुओं के उपयोग हेतु कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोग आज भी अपनी जरूरतों के लिए पुराने, असुरक्षित और असुविधाजनक संसाधनों पर निर्भर हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने इस विषय में पंचायत सचिव से सवाल पूछे तो उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला और उन्हें चुप रहने की सलाह दी गई। ग्रामीणों को डर है कि अगर वे इस भ्रष्टाचार की शिकायत करेंगे, तो उन्हें किसी तरह से परेशान किया जा सकता है, क्योंकि पंचायत पर सरपंच और सचिव दोनों का दबदबा बना हुआ है।

ग्रामीणों की मांग है कि इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच हो और भ्रष्टाचार में शामिल जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही गांव में शेष स्थानों पर भी जरूरत के अनुसार हौदियों का निर्माण हो, जिससे सभी परिवारों को जल संरक्षण योजनाओं का लाभ मिल सके।

यह प्रकरण पंचायत में चल रहे भ्रष्टाचार की एक और बानगी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कैसे विकास योजनाएं कागजों पर ही साकार की जा रही हैं, जबकि जमीनी स्तर पर जनता को उनका लाभ नहीं मिल रहा।

– रिपोर्ट: हारदा हलचल
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