नीति स्प्ष्ट नही होने से कार्यवाही करने वाले जिम्मेदार अधिकरियो को आरोप-प्रत्यारोप से होना पड़ता है आए दिन दोचार....
हरदा/इस समय बात अवैध उत्खनन कि जाए तो प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा जिला हो जो इसकी गिरफ्त से बाहर हो फिर ऐसे में हमारे हरदा जिला इससे अछूत रहे यह कैसे संभव है, हमारे यहाँ भी नदियो से बजरी,रेत ,मुरम आदि का अवैध धंधा ,करोबार जोरो से चल रहा है,जानकरो कि माने तो ना तो राजस्व और ना ही खनिज विभाग के पास नदियो से काली रेत,बजरी निकालने के लिए अनुमति देने का अधिकार नही है,वही बात जानकारों की माने तो ग्राम पंचायत अपने अधिकार क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यो आदि के लिए निकाल सकती है पर फिर सवाल यह भी उठता जब ग्राम पंचायत अपने अधिकार क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए निकाल सकती है, तो फिर जब प्रधानमंत्री आवास में भर्ती के लिए लोग बजरी,रेत नदी से निकाल कर लाते है उन पर कार्यवाही क्यो होती है।ताजा मामला थाना सिराली के अन्तर्गत आने वाले ग्राम डंगावाशंकर का जहा पर ट्रैक्टर मालिक द्वारा कलेक्टर को की गई शिकायत अनुसार ट्रैक्टर से रोजगार गेरेन्टी के कार्यो के लिए ग्राम पंचायत में अनुमति से रेत,बजरी निकाल कर ले जाया जा रहा था,लेकिन पुलिया ने फिर भी थाने ट्रैक्टर को पुलिस ले गई वही पुलिस से ली गई जानकारी में उनका कहना है,हमारा काम है, अवैध उत्खनन आदि को रोकना और अगर उनके पास कोई भी किसी प्रकार से नदी से काली रेत,बजरी ढ़ोने, निकालने की नियमानुसार अनुमति किसी भी विभाग,पंचायत की है तो बताए हम ट्रैक्टर छोड़ देंगे हमे कोई आपत्ति नही।