खाद्य सुरक्षा संबंधी सुप्रीम कोर्ट के 19 मई तक की समय मर्यादा आदेश तुरंत लागू करो।ल

नबआ ने कहा कि सभी मेहनतकशों को राशन कार्ड जारी करे और राशन उपलब्ध कराए....


हरदा/रोजी रोटीअधिकार अभियान ई-श्रम पोर्टल के तहत पंजीकृत प्रवासी व असंगठित श्रमिकों को राशन कार्ड प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष 19 मार्च को एमए 94-2022 में प्रवासी मजदूरों की समस्या और दुख के एक आदेश में प्रवासी श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।

नबआं के कमला यादव, हेमेंद्र मंडलोई व मेधा पाटकर ने बताया कि न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने 20 अप्रैल 2023 के निर्देशको संकलित करने में भारत सरकार और राज्यों की विफलता को गंभीरता से लिया। इस निर्देश के तहत 8 करोड़ व्यक्ति जो ईश्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं हैं उन सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को एनएफएसए के तहत राशन कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार की इस बात से सहमत नहीं था कि उसे 8 करोड़ लोगों को नए राशन कार्ड जारी करने से पहले सभी 80 करोड़ राशन कार्डधारकों की ई. केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करने की जरूरत है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि भारत सरकार ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने की कवायद जारी रख सकती है, लेकिन यह प्रक्रिया समकालीन रूप से जारी रहेगी। यानी अगर भारत सरकार ई. केवाईसी प्रक्रिया जारी रखती है तो इसे अतिरिक्त 8 करोड़ राशन कार्ड जारी करने से पहले यह करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि एक साथ हो सकते हैं तथा यह प्रक्रिया नए राशन कार्ड जारी करने के रास्ते में नहीं आने चाहिए। पीठ ने कहा कि एनएफएसए लाभार्थियों के साथ ईश्रम पंजीकरण कर्ताओं के मिलान का कार्य पहले ही किया जा चुका है और उस आधार पर यह पाया गया है कि लगभग 8 करोड़ लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं और इसलिए उन्हें अधिनियम के तहत मासिक खाद्यान्न का लाभ नहीं मिलता है। अदालत ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 2 महीने की अवधि के भीतर राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया। इसके अलावा अदालत ने निर्देश दिया कि एनएफ्एसए की धारा 3 में परिभाषित कोटा के बावजूद राशन कार्ड जारी किए जाने चाहिए।

नर्मदा के गांव-गांव भी जानकारी लेना जरूरी

रोजी रोटी अधिकार अभियान की ओर से मांग है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 8 करोड़ प्रवासी व असंगठित क्षेत्र के कामगार जो ई- श्रम पर पंजीकृत हैं, लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं है उनके राशन कार्ड जारी करने की कवायद तुरंत शुरु करनी चाहिए। नर्मदा घाटी में गांव-गांव में तथा विस्थापित होकर टिनशेड में या कही भी रहते आए कई परिवारों को राशन नहीं मिला है। इसकी सूची और जानकारी हर पंचायत के सचिव और सरपंच से तत्काल लेना जरुरी है।

पीडीएस का विस्तार किया जाना बेहद आवश्यक

नबआं कार्यकर्ताओं ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)पर खरीद करते हुए खाद्य तेल, दाल, मोटे अनाज आदि जैसी पौष्टिक वस्तुओं को शामिल कर पीडीएस का विस्तार किया जाना बेहद आवश्यक है। ई-केवाईसी प्रक्रिया को इन अतिरिक्त 8 करोड़ राशन कार्ड जारी करने में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस मामले में भारत सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए। दो महिने का अवधी पूरा होने में अब मात्र तीन दिन बाकी है चुनाव के कारण कुछ देरी हुई होगी, तो भी 31 मई तक यह कार्य पूरा किया जाए और सर्वोच्च अदालत के आदेशों की अवमानना न की जाए यही हम चाहते है।

साभार ध्रुव वाणी समाचार पत्र।