हरदा/हरदा जिले में नल जल और जल जीवन मिशन योजना लगता चालू होने के समय से ही चर्चाओं में रही है,कभी पीएचई के जिम्मेदार अधिकारियों की मेहरबानी से मनमानी करके ठेकेदारो ने ग्राम पंचायत में बने सी.सी.सड़को को बेतरतीब तरीको से खुदवा दिया तो कभी गांव में योजना अंतर्गत काम ही पूर्ण हो गया लेकिन सरपंच सचिव को स्पष्ट रूप से आज तक भी जानकारी नही दी गई है के गांव,ग्राम पंचायत के लिए कितने की योजना स्वकृत हुई थी और इसके लिए क्या दिशा निर्देश,नियम कानून थे,बस उने तो कैसे भी कर योजना हस्तांतरित कर दी गई ,जिले में 166 योजना पूर्ण हो चुकी है जिसमे से 136 को स्वसहायता समूह को हस्तान्ततित(हैंडओवर)भी कर दिया गया है ,लेकिन योजना के विषय मे ग्रामीणों को महत्वपूर्ण जानकारी देने वाला प्राक्कलन बर्ड आज भी ज्यादातर गांवो पंचायतों से गायब है,प्राक्कलन का बोर्ड लगाए बगैर ही विभिन्न कार्य निर्माण एजेंसियों द्वारा किया जाता रहा। कार्य स्थल पर प्राक्कलन से संबंधित बोर्ड नहीं लगाये जाने की वजह से लोगों को संबंधित योजना की जानकारी नहीं हो पाती है। ऐसे में निर्माण एजेंसी मनमाने ढंग से कार्यों को अंजाम देते हैं। कई लोगों ने बताया कि कार्य से पूर्व बोर्ड लग जाने की स्थिति में लोग वहां हो रहे कार्यों की गुणवत्ता सहित अन्य चीजों को देखने लगते हैं। इससे बचने के लिए निर्माण एजेंसी के द्वारा कार्य से पूर्व बोर्ड नहीं लगाया जाता है। जबकि प्रावधान के मुताबिक कार्य शुरु करने से पूर्व स्थल पर बोर्ड लगाना अनिवार्य है।इसमें निर्माण से संबंधित सारी जानकारी लोगो को आसानी से मिल जाती है।
नल जल जीवन मिशन योजना में पूर्ण हुई 166 योजना,लेकिन प्राक्कलन बोर्ड का कुछ गांवो से आज भी है गायब,जानकारी को सार्वजनिक करने से क्यो डर रहे अधिकारी....
• Harda Halchal
