प्रदेश में शिवराज ने GRS को सचिवों के समान सुविधा देने के नाम पर बना डाली सरकार,अब सुविधा तो दूर GRS के नवम्बर माह के वेतन के पढ़े लाले।
शेख़ अफ़रोज़ हरदा/मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने चुनाव सामने देख कर हर वर्ग,अधिकारी,कर्मचारी,किसान सभी के हितों की बड़ी बड़ी लम्बी चौड़ी बात करके अनेको सुविधा देने और वेतन आदि डबल करने की की घोषणा मंचो से की लेकिन आज उन घोषाओ को जब आम अमलीजामा पहनाने की बात आई तो मामा और सरकार कुछ खास दिलचस्पी लेते दिखाई नही पड़ रही।तभी तो कुछ सहायक सचिव दुखी मन ने दबी जवान से सरकार,शिवराज पर पक्षपात का आरोप लगाते दिखाई दे रहे है उनका कहना है हम प्रदेश की ग्राम पंचायतों में सरपंच,सचिवों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर वक़्त खड़े रहते है, सचिवों से ज्यादा योजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप हम देते हैं लेकिन उनका वेतन,मानदेय समय से सरकार खाते में जमा करवा देती है और हमें अल्प वेतन होने के बाद भी कभी समय से नही देती इसी माह की बात की जाए तो नवम्बर माह का वेतन,मानदेय अभी तक हमें नही दिया गया,जिससे परिवार के लालन पालन में समस्या उतपन्न होने लगी है,साथ ही विडंबना तो यहा तक है के मुख्यमंत्री ने तो कई बार हमें मंचो से सहायक सचिव बनाने मानने की बात कही है लेकिन इनके अधीनस्थ कार्य करने वाले वरिष्ठ जिले, जनपद स्तर के अधिकारी अभी तक इन्हें रोजगार सहायक ही मान रहे है।ज्ञात हो के सरकार में लगभग 23000 बाजार के आसपास ग्राम पंचायत है जिसमे लगभग 20 हजार के आसपास सहायक सचिव काम कर रहे है और वर्तमाम में वेतन नवंबर माह के नही मिलने की समस्या सभी सहायक सचिवों के सामने है ,सरकार से जल्स समस्या का निराकरण करते हुए मंचो से की गई घोषणाओं को जल्द से जल्द पूरी करने की मांग की गई हैं।
ज्ञात हो के चुनाव से पहले राजधानी भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में रोजगार सहायकों के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया था। यहीं पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोजगार सहायकों से कई लोक-लुभावन वादे किये हैं।
इसमें 9 बड़ा कर, 18 हजार देंगे की बात कही थी,
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सहायकों को मिल रहे मानदेय में वृद्धि कर इसे दोगुना किया जाएगा। वर्तमान में 9,000 मासिक मानदेय के स्थान पर 18,000 मानदेय देने की व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने आगे कहा कि अब रोजगार सहायकों की सेवा आसानी से समाप्त नहीं की जा सकेगी। विभागीय जांच/ अन्य जांच आदि के पश्चात, आवश्यक प्रक्रिया अपनाने के बाद ही कार्यवाही होगी।
*50 प्रतिशत आरक्षण, सभी अवकाश मिलेंगे*
रोजगार सहायकों को सामान्य अवकाश सहित प्रसूति अवकाश आदि की सुविधा भी मिलेगी। मातृत्व अवकाश के साथ ही पितृत्व अवकाश भी प्रदान किया जाएगा। सीएम शिवराज ने ऐलान किया कि पंचायत सचिव की नियुक्ति में 50 प्रतिशत स्थान रोजगार सहायकों के लिए सुरक्षित रहेंगे। रोजगार सहायकों को भविष्य में स्थानांतरण और नियुक्ति से संबंधित कार्यों में पंचायत सचिवों के समान ही माना जाएगा। इसके लिए आवश्यक नियम बनाए जाएंगे।
*सीएम ने रोजगार सहायकों को बताया था नल-नील*
शिवराज ने चुनाव से पहले रोजगार सहायकों की तुलना नल-नील से करते हुए सीएम शिवराज ने कहा था कि रोजगार सहायक मेरे लिए विशेष हैं। जिस तरह रामेश्वरम से लंका तक सेतु बंध बनाए गए थे, आज रोजगार सहायक भी नल और नील जैसी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। सेतु निर्माण में गिलहरियों ने भी योगदान दिया था। ऐसे कार्यों में योगदान देने वाला प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण होता है।
*कौन होते हैं रोजगार सहायक*
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में करीब 23 हजार ग्राम पंचायतें हैं। हर ग्राम पंचायत में निर्वाचित सरपंच, प्रशासनिक कर्मचारी सचिव होते हैं। इसके बाद अन्य प्रशासनिक पद रोजगार सहायक का होता है। आमतौर पर ग्राम पंचायत क्षेत्र का निवासी ही रोजगार सहायक होता है। इस आधार पर देखें तो प्रदेश में करीब 23 हजार रोजगार सहायक होंगे। इतनी बढ़ी संख्या को चुनाव से ऐन पहले दोगुने वेतन का तोहफा देकर सरकार उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी है।
*शासन की योजनाओं का करते हैं क्रियान्यन*
सीएम ने कहा था कि शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में रोजगार सहायकों की विशेष भूमिका है। कोरोना काल में भी आम जनता और अन्य प्रदेशों के श्रमिकों को राहत देने में रोजगार सहायकों ने महत्वपूर्ण कार्य किया। एक समय मनरेगा से संबंधित कार्य के लिए दायित्व निभाने वाले रोजगार सहायकों ने मनरेगा के क्रियान्वयन को व्यवस्थित करने के बाद राशन कार्ड बनवाने, संबल योजना, आयुष्मान कार्ड बनवाने, राष्ट्रीय परिवार सहायता कार्यक्रम और लाड़ली बहना योजना से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक किया है।
रोजगार सहायकों ने कम्प्यूटर सीखा और उसे चलाने में भी दक्ष बने। अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में कम्प्यूटर, लेपटॉप की सहायता लेनी होती है, फिजिकल का डिजिटल से मेल करवाने का कार्य रोजगार सहायकों ने किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिंदगी से अनिश्चितता खत्म करना आवश्यक है।