शास.हाई स्कूल सुन्दरपानी का करोड़ो का भवन निर्माण कर, बच्चों और शिक्षको के लिए पानी की व्यवस्था करना भूले जिम्मेदार।
शेख़ अफ़रोज़ हरदा /आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए और बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए बड़े-बड़े भवन बनाकर सरकार ने तैयार तो कर दिए लेकिन उस में पढ़ाने वाले शिक्षक और बच्चों के लिए जो अति महत्वपूर्ण आवश्यकता है उसको पुरा करना शायद भूल गई है हम बात कर रहे हैं शासकीय हाई स्कूल सुंदरपानी की जिसमें 83 छात्र-छात्राएं अध्यनरत है।साथ ही तीन अतिथि शिक्षक और एक नियमित शिक्षक भी मौजूद है उसके बाद भी आज भवन बने को लगभग 3 से 4 वर्ष होने को है, उसके बाद भी हाई स्कूल के भवन में सरकार द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं किया गया जबकि हाईस्कूल का यह भवन गांव से लगभग 1 से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित है वही छात्र छात्राओं के माता पिता और ग्रामीणों से ली गई जानकारी के अनुसार बताया गया कि शिक्षको के द्वारा भी कई बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी दे दी गई है वही छात्र-छात्राओं के बालकों का कहना है कि हमारे द्वारा भी समय-समय पर जब अधिकारी दौरे पर आते हैं तो इस विषय में जानकारी मौखिक रूप से दे दी जाती है लेकिन इन तीन से 4 वर्षों में किसी भी अधिकारी के द्वारा हमारे बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था हो सके इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं जल्दी हम लोग इसके लिए कोई नई रूपरेखा तैयार करेंगे वही जब इस विषय में आदिवाशी संगठन के जिलाध्यक्ष राकेश ककोड़िया से बात की गईं तो उनका कहना है कि हमारे साथ हमेशा से पक्षपात होता आया है , आज एक बार फिर स्कूल में पढ़ने वाले 83 बच्चों के लिए इन तीन से 4 वर्षों में पानी की व्यवस्था ना कर पाना अधिकारियों के द्वारा यह दर्शाता है कि आज भी उनकी नजरों में हमारी कोई अहमियत नहीं है।