हरदा /हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह करना, बाल विवाह की श्रेणी में आजा है, जो कि अपराध है। उन्होने बताया कि बाल विवाह में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सेवाएं देने पर प्रिंटिंग प्रेस वाले, हलवाई, घोड़ी वाले, वाहन वाले, बैंड बाजा वाले, मैरिज गार्डन वाले, ब्यूटी पार्लर वालों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है। उन्होने सभी धर्मगुरूओं, सभी समाज के मुखियाओं से अनुरोध किया है कि बालक बालिका की उम्र स्कूल की मार्कशीट अथवा जन्म प्रमाण-पत्र में देखकर ही विवाह में शामिल हों। कलेक्टर श्री गर्ग ने बताया कि बाल विवाह की शिकायत 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन में की जा सकती है। उन्होने बताया कि समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति को भी शिकायत कर सकते है। इस समिति में सरपंच, पंचायत सचिव, वार्ड पंच समस्त, प्रधानाध्यापक स्थानीय शासकीय विद्यालय, संबंधित क्षेत्र का थाना प्रभारी, आशा कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति को शिकायत कर सकते है। इस समिति में संबंधित वार्ड के पार्षद, पर्यवेक्षक, स्कूल के प्रधानाध्यापक, संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी तथा स्वास्थ्य कर्ता शामिल है। इसके अलावा अध्यक्ष अथवा सदस्य बाल कल्याण समिति, कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग हरदा, कार्यालय परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना टिमरनी, खिरकिया, हरदा शहरी व ग्रामीण में भी शिकायत की जा सकती है।