हुसैन मंसूरी संवाददाता/दीपगाव कला ,प्रशासन हर प्रकार से लोगों को कोरोना वायरस से बचाने का प्रयास कर रहा है लेकिन कुछ लोग प्रशासन की बातों को अनदेखा करके अपने मनमर्जी से बस स्टैंड और गांव में बने होटलों के ऊपर ग्रुप में बैठ जाते हैं। दिन-दिन भर बातें करते रहते हैं,लेकिन उन्हें ना तो अपनी जान की फिक्र है और ना अपने गांव के लोगों की यह नहीं जानते हैं आगर इस बीमारी गांव में किसी एक को जकड़ लिया और समय से उसका ईलाज नही हुआ तो यह धीरे-धीरे करके इसे फैलने में ज्यादा समय नही लगता है इसका एक भयानक रूप में देखने को मिल सकता है। जिला प्रशासन के लोग बड़ी अच्छे से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए लोगों से कह रहे हैं कि भीड़ ना लगाएं सोशल डिस्टेंसिंग रखें ,बार साबुन से हाथ आच्छे से धोए,मास्क या रूमाल आदि मुंह पर बांधे लेकिन कुछ लोग सुनना ही नहीं चाहती है,जिसमें नवयुवक अपनी गाड़ियों पर 2 से 3 लोग बैठकर गांव की गलियों में आराम से घूमते देखे जा सकते हैं, वहीं कुछ लड़के तो अभी भी मैच खेलते स्कूल के मैदान में देखे जा रहे हैं ,ऐसे में प्रशासन के पास अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के अलावा और कोई चारा नहीं है, ऐसे में अचानक पुलिस की गाड़ी आ गई और कुछ गांव और बस स्टैंड पर बैठे ग्रामीणों को अपनी भाषा मे समझा दिया जिसके बाद कुछ परिवर्तन देखा जा रहा है, वही कोटवार, सचिव लोगो को बार-बार समझा रहे कृपया लॉकडाउन का पालन करे लेकिन कोटवारों द्वारा बताया गया के लोग हमारे साथ 'अब्बे तब्बे करने लगते हैं हम समझते हैं तो सुनते ही नही है।वही माता पिता भी आपने बच्चों को नही समझा रहे हैं।