धार | आवेदक अमित जैन के पिता श्री महेन्द्र कुमार जैन द्वारा वर्ष 2014-15 मे प्रीमियम राशि छः सौ 75 रूपए विपक्षी को अदा कर पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी दस लाख रूप्ए की प्राप्त की थी। आवेदक के पिता महेन्द्र कुमार जैन की दुर्घटना मे मृत्यु हो चुकी थी। जिसकी सूचना आवेदक द्वारा बीमा कंपनी को यथा समय दी थी तथा आवश्यक दस्तावेजों सहित क्लेम दावा प्रस्तुत कर बीमा राशि की मांग की थी किन्तु बीमा कंपनी ने आवेदक का क्लेम दावा वार्षिक आय के तथ्य के आधार पर अस्वीकार कर दिया था। जिससे व्यतीत होकर आवेदक ने एक परिवाद जिला उपभोक्ता फोरम धार के समक्ष प्रस्तुत किया था।
प्रकरण में जिला उपभोक्ता फोरम धार (म.प्र.) के अध्यक्ष पीएसपाटीदार एवं सदस्यगण डॉ. दीपेन्द्र शर्मा तथा हर्षा रूनवाल ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया कि- विपक्षी बीमा कंपनी, आवेदक को आदेश दिनांक से एक माह के अंदर बीमा क्लेम की दस लाख रूपए अदा करें। एक माह के अंदर उपरोक्त राशि अदा नही किये जाने पर उस पर 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करें तथा सेवा में कमी हेतु पांच हजार रूपए तथा परिवाद/शिकायत व्यय के रूप में दो हजार रूपए पृथक से अदा करने का आदेश देकर आवेदक पीड़ित उपभोक्ता को राहत व न्याय प्रदान किया। इस प्रकार उपभोक्ता के अधिकारों को संरक्षण मिला।