विपणन उप केंद्र सिराली में 45 मीट्रिक टन यूरिया का सुचारू वितरण, किसानों ने जताई संतुष्टि
शेख अफरोज सिराली, । खरीफ सीजन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आज विपणन कार्यालय के उप केंद्र सिराली में 45 मीट्रिक टन यूरिया का सफलतापूर्वक एवं सुचारू रूप से वितरण किया गया। इस कार्यवाही को उपसंचालक कृषि महोदय के निर्देशानुसार तथा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में अंजाम दिया गया।
खरीफ फसलों की बुआई का समय चल रहा है, और इस मौसम में यूरिया जैसे प्रमुख उर्वरक की आवश्यकता अत्यधिक होती है। किसानों की इस आवश्यकता को समय पर पूरा करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने अग्रिम रूप से योजना बनाकर वितरण प्रक्रिया को सुनिश्चित किया।
वितरण के दौरान पारदर्शिता, अनुशासन एवं प्राथमिकता के आधार पर किसानों को खाद उपलब्ध कराया गया। किसानों की भीड़ को व्यवस्थित रूप से नियंत्रित करते हुए टोकन प्रणाली एवं पहचान पत्र के माध्यम से वितरण किया गया। इस दौरान किसानों को लंबी कतारों में प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ी, जिससे वितरण प्रक्रिया में सहजता बनी रही।
वितरण व्यवस्था की निगरानी हेतु कृषि विभाग से कृषि विस्तार अधिकारी श्री अतुल यादव स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने न केवल संपूर्ण वितरण प्रक्रिया पर नज़र रखी, बल्कि किसानों को संतुलित खाद उपयोग, मृदा परीक्षण एवं फसल की आवश्यकता अनुसार उर्वरकों के चयन संबंधी उपयोगी जानकारी भी प्रदान की। श्री यादव ने किसानों को बताया कि आवश्यकता से अधिक उर्वरक का प्रयोग न केवल फसल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
इस अवसर पर किसानों में विशेष उत्साह देखा गया। कई किसानों ने कहा कि प्रशासन द्वारा समय पर यूरिया उपलब्ध कराना उनके लिए बड़ी राहत है, क्योंकि अकसर बरसात के मौसम में खाद की कमी जैसी समस्याएं सामने आती हैं। सिराली निवासी किसान श्री हरिप्रसाद पटेल ने बताया, “हमें समय पर यूरिया मिल गया है और वितरण में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। यह एक सराहनीय कदम है।”
कृषि विभाग की ओर से यह भी बताया गया कि आने वाले दिनों में मांग के अनुसार यूरिया एवं अन्य उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी ताकि किसान भाइयों को कोई कठिनाई न हो।
कुल मिलाकर, सिराली में 45 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण एक सफल एवं अनुकरणीय प्रयास रहा, जिसमें प्रशासन, विभाग और किसानों के समन्वय से एक सकारात्मक वातावरण बना। यह पहल किसानों की उपज में वृद्धि और उनकी संतुष्टि की दिशा में एक मजबूत कदम है।